एक समय हुआ करता था जब एक रूपये की भी कीमत बहुत थी। लेकिन धीरे धीरे समय पंख लगातार रफ्तार के साथ आगे बढ़ता रहा और एक रूपये की वैल्यू कम होती गई। एक जमाना हुआ करता था जब हमारे दादा परदादा एक रूपये के नोट को जब में रखकर पूरा बाजार खरीद लाते थे... पर अब वो बात कहां? लेकिन दौर बदल रहा है आज भी एक रूपये के कुछ नोट ऐसे है जिन्हें समय के दीमक ने चट नहीं किया है उनकी वैल्यू आज भी हजारों रूपये के बराबर है।
किसी भी चीज को सहेजना अपने आप में ही एक कला है। फिर चाहे वे काॅइन्स हो... पेंटिग हो... पुराने नोट हो... स्टाम्प पेपर या फिर कोई और चीज.... ऐसी चीजों के कद्रदान भी बहुत होतें हैं... इन्ही कद्रदानों की पसंद को ध्यान में रखते हुए फेयर आॅल इंडिया आर्ट एंड क्राफ्ट सोसाईटी द्वारा एंटिक आइटम्स का मेला आयोजित किया जा रहा है। इसे दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। इस जगह पर कई तरह के आईटम देखने मिल सकते हैं, वहीं अगर बात करें 1964 के 1 रूपए के नोट की, तो उसका कोई प्रतियोगी नहीं. ये नोट सबसे आगे हैं गौर करें की इस नोट की कीमत यहां पर 14000 रूपए है। वहीं 1949 में लांच हुआ पहला नोट 6000 रूपए में बिक रहा है। अगर आपके पास भी इस तरह का कोई नोट है तो आप भी उसे आसानी से यहां बेच सकते हैं। यहां स्वतंत्रता के पहल की मुद्रा भी मौजूद हैं, इसकी कीमत 50000 रूपए के लगभग रखी गई है। राॅयल न्यूमिसमैटिक सोसाईटी के प्रेसिडेंट मुकेश वर्मा के मुताबिक एक रूपए का नोट काफी बड़ी तादाद में छापा जाता रहा है। लेकिन 1964 में 1 रूपए का नोट बहुत कम मात्रा में छापा गया था इस कारण यह नोट कलेक्टर्स के पास भी कम ही देखने को मिलता है। इसी वजह से इसकी ज्यादा कीमत है। आपको हमारा यह artical कैैसा लगा comment ke through हमें बताऐ
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